तुम अगर भूल जाओ वादे निभाने
तो मैं फिर लौट आऊँ
आँखों में ना लाओ गुज़रे ज़माने
तो मैं फिर लौट आऊँ

छुपते-छिपाते तेरा हर रोज़ आना..
तुम्हें याद ना हो वो बिसरे बहाने
तो मैं फिर लौट आऊँ

तेरा खिलखिला कर बात कहना..
अब ना आते हों वो क़िस्से बताने
तो मैं फिर लौट आऊँ

बातों-बातों में यूँ रूठना-मनाना..
भूले हर बात, जो की मुझे सताने
तो मैं फिर लौट आऊँ

वो बारिश में तेरा बूँद हो जाना..
अब अगर याद ना हो ठुमके लगाने
तो मैं फिर लौट आऊँ

मुझे उन पलों को है फिर से जीना..
तुम पहन आओ वो झुमके पुराने
तो मैं फिर लौट आऊँ